उत्तर प्रदेशराज्य

नकली सीमेंट का जाल

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:नकली सीमेंट का कारोबार तराई में फल फूल रहा है। इसका खुलासा अब हुआ है। दो साल पहले नकली सीमेंट से बने एक मदरसे की छत भी धराशायी हो चुकी है। कंपनी के अधिकारियों ने जब जांच शुरू कराई, तब काले कारोबार का खुलासा हुआ। करीब 347 बोरी नकली सीमेंट भी बरामद हुई। नकली सीमेंट के कारोबार का जाल जिले के साथ ही लखीमपुर व सीतापुर एवं श्रावस्ती में फैले होने की आशंका है। तराई में नकली सीमेंट का काला कारोबार अपनी जड़ जमा चुका है।

दो साल पहले मदरसा गिरने के बाद कंपनी ने शुरू कराई थी जांच।
बड़ी कंपनियों के मिलते-जुलते नामों से छपी बोरियों में नकली सीमेंट भरकर बेची जा रही है। 

बड़ी कंपनियों के मिलते-जुलते नामों से छपी बोरियों में नकली सीमेंट भरकर बेची जा रही है। मिहींपुरवा के विश्वनाथ गांव में दो साल पहले एक कंपनी की सीमेंट से मदरसा बनाया जा रहा था। यहां पूरी छत ही ढह गई, जिसकी शिकायत मिलने के बाद कंपनी ने जांच शुरू कराई। जांच के दौरान रायबोझा से सीमेंट बेचे जाने की पुष्टि हुई। करीब दस दिन पूर्व कंपनी के मयंक अस्थाना की तहरीर पर पुलिस ने मौके पर छापेमारी करते हुए 347 बोरी नकली सीमेंट बरामद की, लेकिन सरगना शमसुद्दीन फरार हो गया। सरगना के न पकड़े जाने से अब तक कारोबार की तहकीकात को पुलिस खाली हाथ है। आशंका जताई जा रही है कि जिले में अब तक हजारों भवन का निर्माण नकली सीमेंट से हो चुका है।ऐसे में ये भवन कब जमींदोज होकर हादसे का सबब बन जाए। 

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