लखनऊ विकास प्राधिकरण से नाराज पदाधिकारी
स्वतंत्रदेश,लखनऊ : लखनऊ विकास प्राधिकरण अपने सामुदायिक केंद्र को पहले बचा नहीं पाया, जब पूरी तरह से ध्वस्त हो गया तो उस पर कब्जा न हो उसके लिए स्थानीय थाने को पत्र लिखकर कहा है कि इस पर कब्जा न होने दे। यही नहीं पूरे मामले में नया मोड आ गया है। लविप्रा ने आसपास के किसानों के लिए ग्राम समाज की जमीन पर यह सामुदायिक केंद्र वर्ष 2017 में बनवाया था। उस पर चालीस लाख रुपये खर्च किए थे, अब 456.60 वर्ग मीटर के भूखंड को एक करोड़ चौहत्तर लाख सत्तासी हजार से अधिक बोली लगाने वाले को बेचने की तैयारी है।

इस नए मोड़ से किसानों में उबाल आ गया है। भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने इसे नाइंसाफी बताया है। किसानों का तर्क है कि जिस सामुदायिक केंद्र के लिए सालों संघर्ष किया और दो दिन पहले लाठी खायी, उस भूखंड को आखिर लविप्रा कैसे बेच सकता है। किसान लविप्रा उपाध्यक्ष से मिलकर नीलामी से हटाने और ध्वस्त सामुदायिक केंद्र को फिर से बनवाने की मांग रखेंगे।