महोबा के पूर्व एसपी के खिलाफ रिश्वतखोरी मामले में शासन ने एसआईटी गठित की; कारोबारी की मौत की भी जांच करेगी, 7 दिनों में रिपोर्ट सौंपेगी
मामले में एसआईटी जांच करेगी, किन परिस्थितियों में हुई इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत |मौत से पहले व्यापारी ने वीडियो वायरल कर जान का खतरा जताया था, अफसर पर आरोप लगाए थे |
उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में एक कारोबारी की संदिग्ध मौत के बाद निलंबित किए गए एसपी मणिलाल पाटीदार के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। अब इस मामले की जांच के लिए शासन स्तर पर एसआईटी का गठन किया गया है जो सात दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इस टीम का नेतृत्व वाराणसी के आईजी रेंट विजय सिंह मीणा करेंगे।
पुलिस महानिदेशक एचसी अवस्थी ने निलंबित एसपी पाटीदार के खिलाफ रिश्वतखोरी और जानलेवा हमले के केसों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है। एसआईटी को सात दिन में रिपोर्ट देनी है। यह एसआईटी महोबा के व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत के कारणों की जांच करेगी।
एसआईटी के वाराणसी रेंज के आईजी अध्यक्ष होंगे
वाराणसी रेंज के आईजी विजय सिंह मीणा एसआईटी के अध्यक्ष होंगे। साथ ही डीआईजी शलभ माथुर और एसपी अशोक कुमार त्रिपाठी इसके सदस्य होंगे। एसआईटी जांच करके रिपोर्ट देगी कि किन कारणों से इंद्रकांत त्रिपाठी पर जानलेवा हमला हुआ और उनकी मौत हुई।
मौत से पहले व्यापारी ने वीडियो वायरल कर जताया था जान का खतरा
व्यापारी इंद्रकांत ने जानलेवा हमले से पहले ही वीडियो वायरल कर कहा था कि उनकी जान को खतरा है और अगर उन्हें कुछ होता है तो महोबा के पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार ही जिम्मेदार होंगे। उन्हें लगातार मारने की धमकियां मिल रही थीं। इंद्रकांत ने महोबा के तत्कालीन एसपी पाटीदार पर आरोप लगाया था कि वह क्रशर को चलाने के लिए छह लाख रुपये महीने की रिश्वत मांग रहे थे।
उन्होंने छह लाख रुपये देने की बात भी वायरल वीडियो में कही थी। इसके बाद जब उन्होंने घाटा होने के कारण रकम देने से इनकार किया तो उन पर जानलेवा हमला कर दिया गया। एसआईटी जांच करेगी कि क्या महोबा के इंद्रकांत पर हुए हमले में महोबा के एसपी की भूमिका थी अथवा कोई और कारण रहा।