छह सितंबर को आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे अभ्यर्थी
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में obc और sc अभ्यर्थियों ने 6 सितंबर को निर्णायक लड़ाई का ऐलान किया है। इस दौरान अभ्यर्थियों के मां- बाप और परिवार के लोग भी उस दिन लखनऊ आएंगे। इसके बाद विधान सभा से लेकर सड़क तक घेरने का कार्रवाई हो सकती है। इस दौरान मंगलवार को भी अभ्यर्थियों का प्रदर्शन जारी रहा। इनके आंदोलन को अब राजनीतिक दलों का समर्थन भी मिलने लगा है। इसमें आजाद समाज पार्टी से लेकर कांग्रेस जैसे दल शामिल है। उसके अलावा आम आदमी पार्टी, ओम प्रकाश राजभर भी इस आंदोलन को समर्थन दे चुके हैं।
अभ्यर्थियों ने साफ कर दिया है कि मांग जब तक पूरी नहीं होगी आंदोलन जारी रहेगा। अगर जरूरत पड़ी तो सड़क से लेकर सदन तक प्रदर्शन और घेराव किया जाएगा। इस दौरान अभ्यर्थी लगातार 73 वें दिन धरने पर बैठे रहे। इससे पहले चन्द्रशेखर आजाद ने बताया था कि 6 सितंबर के आंदोलन में उनकी पार्टी के अलावा बाकी दल के लोग शामिल होंगे। दावा था कि उस दिन शहर में जगह कम पड़ जाएगा। अब मांग पूरी होने तक वह इस लड़ाई को छोड़ने वाले नहीं है। उन्होंने कहा कि 2022 के विधान सभा चुनाव में यही नौजवानभाजपा नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाएंगे।
अभ्यर्थियों के दो सवाल
• 69000 शिक्षक भर्ती में ओबीसी को 27 प्रतिशत के स्थान पर उनके कोटे में 3.86 प्रतिशत आरक्षण क्यों?
• भर्ती में दलित वर्ग को 21 प्रतिशत के स्थान पर उनके कोटे में 16.6 प्रतिशत आरक्षण क्यों?
अभ्यर्थियों की दो मांगे
• आरक्षण नियमावली बेसिक शिक्षा विभाग उप्र 1994 का सही ढंग से पालन न होने की वजह से 15000 आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी चयन से वंचित हो गए।
• संविधान से मिले आरक्षण के अधिकार 27 प्रतिशत और 21 प्रतिशत को पूरी तरह से लागू किया जाए।