उत्तर प्रदेशलखनऊ

जालौन में बाढ़ से आफत में जीवन

स्वतंत्रदेश,लखनऊ |:यमुना नदी का जलस्तर अब खतरे के निशान को पार कर चुका है और तटवर्ती गांवों में बाढ़ के हालात बन गए हैं। आलम यह कि यमुना किनारे के गांवों को खाली कराया जा रहा है। बाढ़ में डूबे गांवों में नाव लगाकर लोगों को बाहर निकाला जा रहा है, वहीं कालपी के रामपुरा गांव का सरकारी स्कूल पूरी तरह से डूब गया है। जान बचाने को स्कूल की छत पर डेरा डाले लोगों को नाव के सहारे निकाला गया। यमुना नदी का जल चेतावनी स्तर से 32 सेमी ऊपर बह रहा है, जिससे आसपास के गांवों के लोगों दहशत छाई हैं। जिलाधिकारी ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण करके आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं।

कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद यमुना नदी में 15 से 17 सेमी प्रतिघंटे की रफ्तार से जलस्तर बढ़ गया है

स्कूल और मंदिर डूबे

यमुना किनारे तटवर्ती गांवों में बाढ़ का पानी घुसने से स्कूल और मंदिर भी डूब गए हैं। कालपी के किलाघाट के कपिलेश्वर मंदिर के नीचे बाढ़ का पानी आ गया है। पीलाघाट, बाईघाट व ढोड़ेश्वर घाट पूरी तरह डूब चुके हैं। व्यास मंदिर तीन ओर से बाढ़ में घिर गया है और नवनिर्मित जौधर पुल के आसपास भी पानी आ गया है। रायढ़ नाला पर बने रपटे के ऊपर से बाढ़ का पानी बह रहा है, जिससे रायढ़, गुलौली, सुरौली आदि गांवों का रास्ता बंद हो गया

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