ब्राह्मणो को लुभाने में लगी पार्टियां
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा के चुनाव को लेकर राजनीतिक दल अब जातियों को अपने पक्ष में करने के लिए डोरे डालने लगे हैं। ओबीसी, दलित व मुस्लिम वोट बैंक के बाद दलों की नजर ब्राह्मण वोट पर है। भाजपा ने कांग्रेस के नेता जितिन प्रसाद को पार्टी में शामिल किया तो बहुजन समाज पार्टी ने ब्राह्मणों को फोकस में रखकर अयोध्या में प्रबुद्ध सम्मेलन का आयोजन किया। समाजवादी पार्टी ने भी इसके बाद तेजी दिखाई है।
एक-एक जातिगत वोट बैंक पर मजबूत पकड़ के साथ सपा और बसपा के बीच मुस्लिमों को अपने पाले में खींचने के लिए कबड्डी चली आ रही है। मुस्लिम-यादव के साथ दूसरा कोई वर्ग आया तो सपा और मुस्लिम-दलित गठजोड़ को ब्राह्मण का साथ मिलने से बसपा की किस्मत चमकी। इस दफा इन दोनों दलों को ब्राह्मण वोट बैंक ‘गेमचेंजर’ नजर आ रहा है। इस प्रबुद्ध वर्ग के प्रति प्रेम तो समाजवादी पार्टी कुछ माह पहले भी जता चुकी, लेकिन बहुजन समाज पार्टी के कार्यक्रम शुरू होते ही अखिलेश यादव ने इस ओर तेज कदम बढ़ाते हुए रणनीति बनाने के लिए पार्टी के पांच ब्राह्मण नेताओं की टीम बना दी है।
लखनऊ में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ पार्टी के पांच बड़े ब्राह्मण नेताओं ने करीब ढाई घंटे तक मंथन किया। अब समाजवादी पार्टी 15 अगस्त से मंगल पाण्डेय की धरती माने जाने वाले बलिया से 15 असग्त से ब्राह्मण सम्मेलन करेगी। सूबे में जातीय सम्मेलन पर रोक के कारण समाजवादी पार्टी भी इसको कोई नया नाम दे सकती है। समाजवादी पार्टी के कार्यालय में रविवार को पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के साथ पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय के साथ पूर्व मंत्री मनोज कुमार पाण्डेय व अभिषेक मिश्रा और पूर्व विधायक संतोष कुमार पाण्डेय तथा बलिया से पार्टी के लोकसभा प्रत्याशी सनातन पाण्डेय ने करीब ढाई घंटे के गहन मंथन के बाद ब्राह्मण सम्मेलन की रूप रेखा तैयार की।