रेलवे के अफसर ने थामी कार की स्टेयरिंग
स्वतंत्रदेश,लखनऊ : रेलवे में कार चालक इंगलेश ने 40 सालों तक कई रेल अफसरों की सेवा की। उनको तय समय पर मंजिल तक पहुंचाया। हमेशा सरकारी कार की स्टेयरिंग थामी। लेकिन पीछे की जिस सीट पर उन्होंने जीवन भर रेल अधिकारियों को बैठे देखा। उसी सीट पर वह सेवा के अंतिम दिन अपने अफसर की सीट पर बैठे और उसकी अनुभूति भी ली। उनको ले जाने वाले सारथी बने उनके ही अधिकारी। खुद रेल अधिकारी ने स्टाफ कार की स्टेयरिंग संभाली और चालक इंगलेश को घर तक छोड़ने गए। जिसने भी यह नजारा देखा हैरान हो गया।
शायद इस कार्यालय में यह पहला मौका था जब कोई कर्मचारी अफसर की सीट पर बैठा हो और अफसर अपने कर्मचारी का कुछ समय के लिए ही सही चालक की भूमिका निभाई । अपने चालक की ऐसी भावपूर्ण विदाई की चर्चा देश भर में रेलकर्मियों और अफसरों के बीच होने लगी है। पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल में रणविजय प्रताप वरिष्ठ मंडल यांत्रिक अभियंता के पद पर तैनात हैं। उनकी सरकारी कार के चालक इंगलेश 40 सालों तक की सेवा के बाद बीती 31 मई को सेवानिवृत हुए थे। वैसे तो इंगलेश अपनी सेवाकाल में अनेकों रेल अफसरों के सारथी बने। जो रेलवे बोर्ड के चेयरमैन जैसे पदों पर पहुंचकर सेवानिवृत हुए। लेकिन जो लगाव और अपना पन उनको सेवा के अंतिम समय मे रणविजय प्रताप से मिला उससे वो अभिभूत हो गए।
रणविजय प्रताप को लेकर सेवा के अतिंम दिन इंगलेश अशोक मार्ग स्थित डीआरएम कार्यालय आये। यहां उनकी सेवानिवृति की औपचारिक्ता पूरी की गई। जब सरकारी कार जमा कर इंगलेश घर जाने लगे तो रणविजय प्रताप ने कार की चाभी ले ली। इसके बाद इंगलेश को अपनी सीट पर बैठाया और फिर खुद कार चलाकर उनके घर को छोड़ने गए। रणविजय बताते हैं कि यह उस इंसान का सम्मान है जिसने जीवन भर निष्ठा से संस्थान की सेवा की।