सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का आरोप
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार झूठे आंकड़ों के सहारे जनता को बरगलाना चाहती है। कोरोना संक्रमित कर्मचारियों के ड्यूटी पर मौत के मामलों को छिपाकर मुआवजा देने से बचना चाहती है। अपनी नाकामी छिपाने के लिए कोरोना से मरने वालों की संख्या कम बता रही है। अगर उसकी नीयत साफ है तो वह सभी मृतकों की सूची क्यों नहीं जारी करती।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि चिंतन-मनन, मंथन और भोजन-विश्राम के बीच ही भाजपा अपनी चुनावी रणनीति बनाती है। उत्तर प्रदेश में चुनाव सिर पर हैं और प्रदेश की जनता कोरोना से ज्यादा भाजपा सरकार के कुशासन से त्रस्त है। कोरोना और ब्लैक फंगस के इलाज में लापरवाही के चलते लाखों जानें गई हैं। अब भाजपा नेतृत्व को लगने लगा कि प्रदेश सरकार के कुछ ही दिन शेष बचे हैं। सत्ता हाथ से जा रही है, इसलिए हड़बड़ाहट में भाजपा नेतृत्व दिल्ली से लखनऊ तक दौड़ लगाने लगा है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि सच तो यह है कि भाजपा का कार्यकर्ता और आरएसएस स्वयंसेवक दोनों अपनी उपेक्षा के चलते विश्राम की मुद्रा में चले गए हैं। हालत यह है कि दिल्ली से भेजे गए दूत एक को मनाते हैं तो दूसरा रूठ जाता है। सरकार और संगठन में दरार-रार पाटने के लिए ट्वीट पर ट्वीट कर किसी तरह अपना पिंड छुड़ाकर नेतागण विश्राम मुद्रा में चले जा रहे हैं।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि समाजवादी पार्टी कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर मृत कोरोना संक्रमित कर्मचारियों के परिवारजनों से मिलेंगे और उन्हें सांत्वना देगे, उनकी परेशानी पूछेगें। वैसे सभी पार्टीजन से अपेक्षा है कि वे जरूरतमंदों की मदद करेगें और किसी को भूखा नहीं सोने देंगे। जनता को बरगलाने में भाजपा अब सफल नहीं होगी। जनता ने निश्चय कर लिया है कि 2022 में भाजपा की विदाई और समाजवादी सरकार बनना तय है। भाजपा बढ़ते जनाक्रोश और किसान आंदोलन से डरी हुई है। इसी से उत्तर प्रदेश में कभी संगठन में तो कभी सरकार में फेरबदल की चर्चा छेड़ी जाती है, लेकिन अब लोग गुमराह होने वाले वाले नहीं है।