वर्कर के इलाज का जिम्मा लेगी समिति
स्वतंत्रदेश ,लखनऊ : संजय गांधी पीजीआइ में इलाज में लगे स्थायी और आउट सोर्स कर्मचारी, रेजीडेंट डाक्टर और संकाय सदस्य कोरोना से परिवार सहित संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस समय तीन सौ से अधिक लोग संक्रमित है। इनके इलाज के लिए व्यवस्था न होने से नाराज कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन तक किया। रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने कड़ा पत्र लिखा जिसके बाद संस्थान प्रशासन ने इनके लिए इलाज की दिशा में सराहनीय कदम उठाया है। संस्थान प्रशासन ने कोरोना 19 संक्रमण से ग्रसित स्वास्थ्य कर्मी के मुद्दों को समझने के लिए हेल्थ केयर वर्कर वेलनेस कमेटी का गठन किया है। यह समिति स्वास्थ्य कर्मियों और उनके आश्रितों की भर्ती से लेकर उनके डिस्चार्ज तक की संपूर्ण प्रक्रिया को सुनिश्चित करेगी।
पूर्णतया समर्पित हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए जाएंगे जिससे होम क्वारंटाइन में रहने पर भर्ती की आवश्यकता में उनकी मदद की जा सके। इनकी निगरानी और देखरेख के लिए एक व्यवस्था बनाई जाएगी जिसमें होम क्वॉरेंटाइन में रह रहे स्टाफ व उनके आश्रितों के उपचार की दिशा में हो रही प्रगति को समझा जाएगा।संस्थान प्रशासन ने आरसीएच में स्वास्थ्य कर्मियों और उनके आश्रितों के लिए 36 शैय्या की व्यवस्था की जाएगी। इनमें से 18 बेड अभी शुरू किए गए हैं। इसके साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों की आरटीपीसीआऱ जांच, खून की जांच, एचआर सी टी स्कैन और दवाइयों के वितरण के लिए काउंटर भी खोले जाएंगे। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो.सोनिया नित्यानंद और निदेशक प्रो.आरके धीमन ने कहा कि इसके अतिरिक्त यदि अन्य सुविधाओं की आवश्यकता भी पड़ती है, तो प्रशासन सदैव इस दिशा में तत्पर रहेगा। कोविड काल में रोगी सेवा में स्वयं को पूर्णतया समर्पित किया है हम इन्हें किसी प्रकार की परेशानी नहीं होने देंगे। संस्थान प्रशासन के इस फैसले का स्वागत, रेजीडेंट डाक्टर एसोसिएशन, फैकल्टी फोरम , नर्सिंग स्टाफ एसोसिएशन, कर्मचारी महासंघ , आउट सोर्स कर्मचारियों ने स्वागत किया है।