अयोध्या में राम मंदिर के बाद काशी-मथुरा की मुक्ति का आंदोलन
संगमनगरी प्रयागराज में सोमवार को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की एक महत्वपूर्ण बैठक में आठ प्रस्ताव पर मुहर लगी। इनमें सबसे अहम है काशी व मथुरा की मुक्ति। इसको लेकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने सभी पक्षों से सहमति बनाने के साथ ही विश्व हिंदू परिषद से भी सहयोग मांगा है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की अध्यक्षता में सम्पन्न हो गई। इसमें अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन के बाद अब काशी और मथुरा को मुक्त करने की मांग ने उठाई है। अखाड़ा परिषद ने कहा है कि द्वादश द्वादश ज्योतिर्लिंगों में शामिल काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर व मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि से मस्जिद हटाई जाए।
प्रयागराज में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक में 13 प्रतिनिधि शामिल थे। मठ बाघंबरी गद्दी में आयोजित बैठक में काशी विश्वनाथ मंदिर व मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि को मुक्त कराने के साथ ही संगम तट पर माघ मास में लगने वाले माघ मेला, प्रयागराज की परिक्रमा, हरिद्वार कुंभ की तैयारियों को लेकर चर्चा के बाद इन पर मुहर भी लग गई। हर मुद्दे के धार्मिक व पौराणिक महत्व पर चर्चा करते हुए प्रस्ताव पास किया गया। जिसे पीएम नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को भेजा जाएगा।
इस अखाड़ा परिषद की बैठक में आठ प्रस्ताव पास हुए यानी इन पर परिषद की मुहर लग गई। इनमें सबसे अहम काशी-मथुरा को मुक्त कराने को रणनीति तैयार करने की प्रक्रिया है। अखाड़ा परिषद ने अपील की है कि वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर प्रांगण तथा मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि से लगी मस्जिद को हटाया जाए। दोनों जगह का पूरा प्रांगण अब हिंदुओं को सौंपा जाए। अखाड़ा परिषद ने कहा कि सब पक्षों से इस मामले में बात कर सहमति का प्रयास किया जाएगा। सहमति न बनने पर कोर्ट में कानूनी लड़ाई होगी। इसके साथ ही राज्य सरकार से माघ मेले के आयोजन की मांग की गई है।
इससे पहले हरिद्वार से प्रयागराज आने के बाद रविवार को एक वीडियो में अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा है कि काशी विश्वनाथ मंदिर में ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण अवैध है। श्रीकृष्ण जन्मभूमि में मस्जिद जबरन बनाई गई है। दोनों ही स्थल हिंदुओं की आस्था का केंद्र हैं, उसे जल्द मुक्त किया जाना चाहिए।