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नीतीश के दलित कार्ड से महागठबंधन दो-फाड़, दलितों को नौकरीवाले फैसले पर मुकेश सहनी का मिला साथ

अनुसूचित जाति एवं जनजाति (SC/ST) के व्यक्ति की हत्या होने पर स्वजन को सरकारी नौकरी देने के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के फैसले ने महागठबंधन (Grand Alliance) के दलों को दो खेमे में बांट दिया है। राजद (RJD) और रालोसपा (RLSP) के लिए यह महज चुनावी स्टंट है। जबकि विकासशील इंसान पार्टी (VIP) ने फैसले का स्वागत किया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी (Mukesh Sahni)  ने कहा-हम नीतीश सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हैं। हमारी मांग है कि  अत्यन्त पिछड़ी जातियों को भी इसका लाभ मिले। क्योंकि अत्यंत पिछड़ी जातियों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति भी एससी-एसटी जैसी ही है। 

पीडि़त परिवार को मिलेगा लाभ

मुकेश सहनी ने कहा कि सरकार पहले कानून व्यवस्था को दुरुस्त करे। ताकि सांमती तत्वों या दबंगों में कानून का भय रहे। कमजोर तबके के किसी व्यक्ति की हत्या नहीं हो। किसी की हत्या होने पर उसके परिवार के किसी एक सदस्य को नौकरी देने से उसकी क्षतपूर्ति कतई संभव नहीं है। लेकिन एससी-एसटी और अत्यंत पिछड़ी जातियों के परिवारों की जो दयनीय हालात हैं, उस परिस्थिति में नौकरी मिलने से पीडि़त परिवार को आर्थिक तौर पर मदद जरूर मिलती है।

एससी-एसटी को जुमला दे रहे नीतीश

नेता प्रतिपक्ष्‍ा तेजस्‍वी यादव (Tejaswi Yadav) और रालोसपा प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने सरकार के निर्णय पर सवाल खड़ा किया है। उपेंद्र कुशवाहा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि चुनाव निकट देखकर नीतीश कुमार एससी-एसटी को जुमला दे रहे हैं। यदि यह जुमला नहीं है तो सरकार तत्काल प्रभाव से इसे लागू करे। ताकि सरकार की निरंकुशता और निकम्मेपन के कारण मारे जा चुके लोगों के परिजनों को तत्काल लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि सरकार की विफलता के कारण पहले ही काफी लोगों की हत्या हो चुकी है। नीतीश कुमार चुनाव के समय जो जुमला दें पर बिहार में अब एनडीए की सरकार नहीं आनी है, महागठबंधन की सरकार बनेगी।

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