उत्तर प्रदेशराज्य

वाराणसी में नकली सिगरेट बनाने के कारोबार का भंडाफोड़

ब्रांडेड नकली सिगरेट बनाने के कारोबार का रविवार को भंडाफोड़ हो गया। सीओ (बड़ागांव), तहसीलदार रविशंकर यादव और थानाप्रभारी सुनीलदत्त दुबे ने छापेमारी कर फैक्ट्री व गोदाम को सील करने के साथ ही बोरे में भरी लाखो रुपए की सुर्ती को जब्त कर लिया। इस दौरान फैक्ट्री में काम कर रहे मजदूर छापे की जानकारी होते ही मौके से फरार हो गए।

मिर्जामुराद थानाप्रभारी सुनीलदत्त दुबे ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली कि मिर्जामुराद में हाइवे के निकट रानेचट्टी पर एक किराए के मकान में करीब एक माह से ऑटोमैटेड प्लांट के अंदर ब्रांडेड नकली सिगरेट बनाने का कारोबार चल रहा है। सूचना पर सीओ व तहसीलदार को साथ लेकर छापेमारी की गई। प्लांट के अंदर मशीन से सिगरेट बनाया जा रहा था। मजदूरों से पूछताछ में पता चला कि फैक्ट्री मालिक बिहार के हैं। बिहार के मालिक से सम्पर्क किया गया तो उसने लाइसेंस होने की बात बताई। मालिक से कागजात मंगाया गया ,पर वह कागजात लेकर नही आया। फैक्ट्री व गोदाम के साथ ही एक ढाबा पर रखे कई बोरे सुर्ती को सील कर दिया गया। यह पूरा मामला डुप्‍लीकेसी से जुड़ा है।

पैकेट का रैपर बदल हो रहा था लंबा खेल

सिगरेट तैयार करने का लाइसेंस तो लिया गया था। सिगरेट तैयार हो रहा था किसी और नाम का। उक्त तैयार सिगरेट को ब्रांडेड नाम के सिगरेट रैपर में भर कर बेचने का धंधा चल रहा था। थानाप्रभारी ने बताया कि 26 रुपए प्रिंट की तैयार हो रही सिगरेट को गोल्ड प्रीमियम, टोटल, मैक्स, पेरिस के नाम पर मंहगे ब्रांडेड ब्रांड के पैकेट में भर बेचने का धंधा चल रहा था।

सिगरा निवासी ने कराया है अनुबंध

मिर्जामुराद के गौर गांव निवासी मकान मालिक से सिगरा निवासी एक व्यक्ति ने टोबैको फैक्ट्री चलाने की बाबत स्टांप पेपर पर मकान का अनुबंध कराया है। फैक्ट्री के समीप ही गौर गांव निवासी एक अन्य व्यक्ति का कमरा किराए पर लेकर उसमें गोदाम बनाया है। इसके साथ ही एक ढाबे पर कई बोरों में भरा सुर्ती रखा गया है।

सिपाही की रही चर्चा

चर्चा रही कि पीआरवी के एक सिपाही को नकली सिगरेट बनाने की उक्त फैक्ट्री चलने की बखूबी जानकारी रही। सिपाही इस बात को आखिर ऊपर तक क्यों नहीं बताया।

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