फिर से लंगूर की आवाज निकालकर बंदरों को भगाएगा किस्मत
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:अपनी आवाज से बंदरों को भगाने वाले मंकी हैंडलर किस्मत की तैनाती फिर से चारबाग रेलवे स्टेशन पर हो गई है। पिछले साल किस्मत का ठेका खत्म हो गया था। तब से उसकी सेवाएं समाप्त कर दी गई थी। कोरोना के बाद रेलवे ने दोबारा ठेका उठाया। इस बार किस्मत को अपनी आवाज से बंदर भगाने के लिए 15 हजार रुपये प्रतिमाह मिलेंगे।
बंदरों को भगाने पर मिलते थे 21 हजार रुपये प्रतिमाह: किस्मत एक मंकी हैंडलर है। करीब चार साल पहले उसे दो लंगूर को चारबाग स्टेशन लाकर बंदरों को भगाने का ठेका मिला था। हालांकि, कुछ समय बाद वन्यजीव को लेकर सक्रिय संगठनों की शिकायत के बाद स्टेशन पर लंगूर को लाने पर पाबंदी लगा दी गई। इसके बाद किस्मत ने ही खुद लंगूर की आवाज निकालकर बंदरों को भगाने का काम शुरू किया। उसे रेलवे की ओर से प्रतिमाह 21 हजार रुपये दिए जाने लगे।
मुंह से लंगूर की आवाज: छावनी परिषद में भी दो साल पहले उसने लंगूर को लाकर अपनी सेवाएं दी थी। हालांकि, यहां उसकी सेवा को समाप्त कर दिया गया था। चारबाग स्टेशन पर इन दिनों बढ़ रही बंदरों की संख्या को देखते हुए रेलवे ने दोबारा बंदरों को भगाने का ठेका जारी किया। किस्मत को 15 हजार रुपये प्रतिमाह देकर बंदर भगाने का ठेका आवंटित हो गया। अब सुबह छह से शाम छह बजे तक किस्मत खुद ही अपने मुंह से लंगूर की आवाज निकालकर बंदरों को भगा रहे हैं। वह प्लेटफार्म के अलावा यार्ड और वाशिंग लाइन तक जाते हैं ।