आवास विकास के नियमों में फंसी मुन्नी देवी
स्वतंत्रदेश,लखनऊ : छत का सपना साकार करने वाले जब छत छीनने लगे तो लोगों को किस पर भरोसा होगा। पहले ईडब्ल्यूएस मकान आवंटित किया, आवंटी समय-समय पर किस्तें देता रहा। कभी रिक्शा चलाकर तो कभी सब्जी बेचकर साढ़े तीन लाख रुपये अपनी कमाई से हर महीने किस्तों के रूप में जमा करता रहा। घर की स्थिति बिगड़ी और कोरोना से पहले शुरू हुआ आर्थिक संकट के चलते मकान की किस्तें प्रभावित हो गई। वहीं मौका लगते ही आवास विकास ने छत का आसरा भी छीन लिया और मकान पुलिस बल पर खाली करवा लिया। अब पीड़ित अपने परिवार के साथ फुटपाथ पर रहने को विवश है। यही नहीं आवंटी अपने पति के साथ दर्जनों बार वृंदावन स्थित आवास विकास दफ्तर जाकर आप बीती सुना चुकी है। बकाया पैसा जमा करने को टुकड़ों में तैयार है, इसके बाद भी काबिल अभियंताओं, बाबुओं व अफसरों का दिल नहीं पसीज रहा है।
आवास विकास ने वर्ष 2005 में मुन्नी देवी को सेक्टर सात ए 399 में ईडब्ल्यूएस मकान आवंटित किया था। इसके बाद से किस्तें जमा कर रहे आवंटी को उस वक्त झटका लगा जब पंद्रह साल से रह रहे पड़ोसियों के बीच आवास विकास के अभियंताओंं ने पुलिस वालों की मदद से अभद्रता करते हुए उसे बाहर निकाल दिया। यही नहीं बच्चों के सामने काबिल अभियंताओं ने खरी खोटी सुनाई और बेइज्जत किया। सिर्फ कसूर था कि आवंटी डेढ़ साल से किस्तें नहीं जमा कर पा रहा था। अगस्त 2020 से परिवार दर दर की ठोंकरे खाने को मजबूर है।
पीड़ित मुन्नी देवी के पति राम शंकर के मुताबिक कई बार आवास विकास वृंदावन कार्यालय गया और पैसा जमा करने की बात कही, लेकिन अभियंता रमेश चंद्र यादव ने लौटा दिया। पीडि़त का पति मुख्यालय में सपंत्ति अधिकारी नीलम से मिला। वहां जवाब मिला कि समय पर पैसा नहीं जमा कर पाए हो, इसलिए मकान नीलामी में जाएगा। उधर संपत्ति प्रबंधक ने बताया कि मुन्नी देवी की फाइल मुख्यालय भेजी गई है, जो निर्णय होगा, उसका पालन किया जाएगा।