उत्तर प्रदेशराज्य

मुंडेरा बाजार जाना जाएगा चौरी-चौरा नाम से

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :चौरी-चौरा की घटना के सौवें साल में तथ्यों को दुरुस्त किया जा रहा है। अभी तक उस क्षेत्र का नाम भले ही चौरी-चौरा रहा हो लेकिन मुख्य बाजार मुंडेरा बाजार के नाम से ही जानी जाती है। यहां की नगर पंचायत का नाम भी मुंडेरा बाजार है। चौरी-चौरा के शहीदों के सम्मान में मुंडेरा बाजार का नाम चौरी चौरा नगर किए जाने की तैयारी है। जिला प्रशासन की ओर से प्रस्ताव भेज दिया गया है। चार फरवरी को मुख्य मंच से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसकी घोषणा कर सकते हैं।

 

 

चौरी-चौरा के शहीदों के सम्मान में मुंडेरा बाजार का नाम चौरी चौरा नगर किए जाने की तैयारी है। जिला प्रशासन की ओर से प्रस्ताव भेज दिया गया है।

चार फरवरी 1922 को चौरी चौरा में पुलिस ने सत्याग्रहियों के जुलूस पर गोली चलायी थी। इसमें तीन लोग शहीद हो गए थे। इसके बाद आक्रोशित सत्याग्रहियों ने थाना फूंक दिया था। इस घटना में 23 पुलिस कर्मियों की जान गई थी। इस घटना के बाद महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन को स्थगित कर दिया था। स्वाधीनता आंदोलन को एक नई दिशा देने वाली इस घटना को गलत तरीके से पेश करने के आरोप लगते रहे हैं।

विधानसभा का नाम चौरी-चौरा, कस्‍बा अब भी मुंडेरा बाजार

पहले इस विधानसभा को भी मुंडेरा बाजार के नाम से जाना जाता था। 2012 के चुनाव से इसका इस विधानसभा का नाम चौरी-चौरा कर दिया गया था। कस्बा अभी भी मुंडेरा बाजार के नाम से है। जल्द कस्बा भी चौरी चौरा नगर के नाम से जाना जाएगा। प्रशासन ने इस संबंध में प्रस्ताव शासन को भेजा है और कुछ दिन पहले हुई वीडियो काफ्रेंसिंग में जिलाधिकारी ने इस प्रस्ताव के बारे में जानकारी दी थी।

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