कोरोना के नाम पर सिविल के डॉक्टर से वसूले चार दिन में सवा लाख..
राजधानी के कई निजी अस्पतालों में कोरोना के नाम पर लूट मची हुई है। कहीं आइसोलेशन व इलाज के बहाने मरीजों की जेब पर भारी भरकम चूना लगाया जा रहा है। ताजा मामले में सिविल अस्पताल के ही वरिष्ठ फिजीशियन डॉ एससी मौर्या को निजी अस्पताल ने चूना लगाया है।
दरअसल वह गोमतीनगर में घर के पास स्थित एक निजी अस्पताल में अपने पिताजी को भर्ती कराए थे। उनसे चार दिन में ही अस्पताल ने कोविड इलाज के नाम पर करीब सवा लाख रुपये की वसूली कर ली। इसके बाद उन्हें सरकारी संस्थान में अपने पिताजी को रेफर करवाना पड़ा।उन्होंने बताया कि मेरे पिता की स्थिति इतनी गड़बड़ भी नहीं थी। उनका ऑक्सीजन लेवल 90 के ऊपर बना हुआ था। उन्हें नौ अगस्त को भर्ती कराया गया था। वह वेंटिलेटर पर भी नहीं थे। इसके बावजूद कंसल्टेंसी के नाम पर चार ही दिन में सवा लाख रुपये की वसूली की गई। जबकि सरकार व स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोविड-19 का रेट निर्धारित है।
इसके बावजूद निजी अस्पताल इसका पालन नहीं कर रहे हैं। वहीं राजधानी के वकील अजय सिंह ने भी अपनी पत्नी को उसी निजी अस्पताल में एडमिट कराया था, जहां उनसे दो दिन में डेढ़ लाख रुपये की वसूली की गई। आखिरकार उनकी पत्नी की मौत भी हो गई।
उन्होंने कहा कि कहीं शिकायत इसलिए नहीं किया कि जब पत्नी को इलाज की जरूरत थी तो लोहिया, केजीएमयू पीजीआइ से लेकर अन्य निजी अस्पतालों में भी दौड़ा। कोई एडमिट करने को तैयार नहीं हुआ। उनका ऑक्सीजन लेवल लगातार गिर रहा था। गोमती नगर के अस्पताल में वह एडमिट हुई।