उत्तर प्रदेशलखनऊ

एक साल पहले ही साजिश हो चुकी थी

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:अजीत सिंह की हत्या की पटकथा एक साल पहले ही लिखी जा चुकी थी। इसी पटकथा के एक हिस्से के रूप में गिरधारी ने कुंटू पर धोखा देने का आरोप भी लगाया था। गिरधारी ने अजीत से मुलाकात कर साथ रहने की बात कही थी। साथ रहने के लिए वह लगातार कई दिनों तक संपर्क में था। लेकिन मोहर सिंह के मना करने के बाद अजीत ने भी उसे साथ रखने से इनकार कर दिया था।

आजमगढ़ के जीयनपुर का कुंटू सिंह काफी शातिर बदमाश है। किसी जमाने में मऊ के मुहम्मदाबाद गोहना निवासी अजीत सिंह व मोहर सिंह उसके साथ ही काम करते थे। वहीं गिरधारी उर्फ डॉक्टर भी कुंटू का वफादार था। तीनों की गिनती शॉर्प शूटरों में होती थी। आजमगढ़ के सगड़ी से विधायक सर्वेश सिंह उर्फ सीपू सिंह की हत्या की सुपारी कुंटू ने सबसे पहले अजीत को ही दी थी। अजीत ने मना कर दिया। इसके बाद वह धीरे-धीरे संपर्क से दूर हो गया। अजीत के पीछे कुछ दिनों बाद मोहर सिंह भी कुंटू से अलग हो गया। उसने अजीत से हाथ मिला लिया। दोनों एक दूसरे पर भरोसा करने लगे।

                           अजीत सिंह (बायें) व घटनास्थल पर तैनात पुलिसकर्मी।

दो महीने तक अजीत के पीछे पड़ा था गिरधारी

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मोहर सिंह से पूछताछ में कई अहम जानकारियां हाथ मिली हैं जिसमें गिरधारी व अजीत के बीच साथ रहने को लेकर दो महीने तक चले संवाद की भी बात सामने आई। इस बात की पुष्टि भी मोहर ने की। अजीत के करीबियों के मुताबिक, गिरधारी ने जब उनसे संपर्क किया तो अजीत ने अपराध जगत छोड़ने की बात कहकर टाल दिया। इसके बाद भी गिरधारी ने पीछा नहीं छोड़ा। मोहर को उसका अजीत से मिलना खटकने लगा। मोहर के कहने पर अजीत ने कुंटू से साफ मना कर दिया।

 

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