उत्तर प्रदेशराज्य
गोरखा रेजीमेंट ने दी बहादुरों वाली सेना
स्वतंत्रदेश, लखनऊ : वीरता का सर्वोच्च पदक हासिल करने वाले कैप्टन मनोज पांडेय हों या फिर एलएमजी से पाकिस्तानी लड़ाकू विमान को मार गिराने वाले राइफलमैन धन बहादुर राई। ऐसे ही जांबाजों की शौर्य गाथा से गोरखा रेजीमेंट भरी हुई है।
सेना की 11 गोरखा राइफल्स की पहली यूनिट की स्थापना 1918 में हुई थी। स्वतंत्रता के समय गोरखा की चार बटालियन ब्रिटिश सेना के साथ इंग्लैंड चली गई। भारतीय सेना ने एक जनवरी 1948 को नए सिरे से पालमपुर में 11 गोरखा राइफल्स रेजीमेंटल सेंटर की स्थापना की। यहां से सेंटर दार्जिलिंग के जालाफर और देहरादून के क्लेमेंटाउन कैंट शिफ्ट किया गया।