रेलवे अफसर की बेटी को पुलिस हिरासत में घर रहने की अनुमति
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मां और भाई की हत्या मामले में जुवेनाइल कोर्ट ने आरोपी नाबालिग लड़की को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने उसे पुलिस हिरासत में घर में रखने के आदेश दिए हैं। यहां महिला पुलिसकर्मी सिविल ड्रेस में रहकर लड़की की निगरानी में रहेंगी। घटना के संबंध में लड़की के पिता ने जुवेनाइल कोर्ट से यह अनुरोध किया था, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। पिता का तर्क था कि डिप्रेशन के समय बेटी को इमोशनल सपोर्ट की जरूरत है।
- लखनऊ में शनिवार को आरोपी किशोरी ने .22 बोर की पिस्टल से मां और भाई की गोली मारकर हत्या कर दी थी
- इस मामले में पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया था, बाद में किशोरी ने हत्या की बात कबूली थी
लखनऊ में 29 अगस्त की दोपहर में गौतम पल्ली इलाके में स्थित सरकारी आवास में रेल अफसर की 15 साल की बेटी ने अपनी मां और भाई की गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर जुवेनाइल कोर्ट में पेश किया था जहां से उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। वह काफी दिनों से डिप्रेशन के दौर से गुजर रही है।
पिता ने अदालत से अनुरोध किया, पुलिस ने विरोध नहीं किया
हजरतगंज के एसीपी राघवेंद्र सिंह ने कहा- ‘सुनवाई के दौरान पुलिस ने कोर्ट को बताया कि यह रेयरेस्ट ऑफ रेयर कैटेगरी का केस है। इसलिए पुलिस को इस बात पर कोई आपत्ति नहीं है, यदि अदालत किशोरी के पिता के अनुरोध को मानवीय आधार पर स्वीकार करते हुए पुलिस हिरासत में उसके घर में रहने का आदेश देती है।’हालांकि, पुलिस ने आरोपी किशोरी को किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज के बाल मनोरोग विशेषज्ञ को भी दिखाया था। अधिकारियों ने विशेषज्ञों से किशोरी की मानसिक स्थिति को समझने के लिए सलाह ली थी। सूत्रों का कहना है कि चिकित्सकों ने भी अधिकारियों को यह मशविरा दिया था कि बच्ची को भावनात्मक सपोर्ट की जरूरत है।
यह है मामला
किशोरी ने शनिवार को .22 बोर की पिस्टल से 47 साल की मां और 17 साल के भाई की गोली मारकर हत्या की थी। बाद में परिजन की मौजूदगी में यह बात कबूली थी कि उसी ने ही दोनों की हत्या की। पुलिस ने जांच के दौरान यह पाया था कि किशोरी ने अपने बाथरुम के शीशे पर जैम से डिस्क्वालीफाइड ह्यूमन लिखा था। इस घटना के बाद पुलिस ने रेलवे अफसर की पत्नी और बेटे की हत्या के लिए अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था।