उत्तर प्रदेशराज्य

गूगल मैप पर आंख बंदकर न करें भरोसा

स्वतंत्रदेश लखनऊबरेली में गूगल मैप ने एक बार फिर से धोखा दिया। आईआईटी दिल्ली के तीन छात्रों की कार मंगलवार को सड़क कटी होने की वजह से सूखी नहर में जा गिरी। हादसे में तीनों को मामूली रूप से चोट आई। 10 दिन में यह दूसरी घटना है। इससे पहले 24 नवंबर को बदायूं को फरीदपुर बरेली से जोड़ने वाले अधूरे पुल से कार सहित गिरकर तीन युवकों की मौत हो गई थी। ऐसे में मुख्य मार्गों से हटकर सफर करते समय गूगल मैप पर आंख बंदकर भरोसा न करें। 

रुहेलखंड विश्वविद्यालय के सीएसआईटी विभाग के प्रो. एसएस बेदी का कहना है कि शहर विकसित होने पर मार्ग नहीं बदलता, बल्कि उसके आकार में बदलाव होता है। लंबे समय से गूगल मैप का इस्तेमाल करने से लोगों में विश्वास उत्पन्न हो गया है। ऐसे में वह सेटेलाइट व्यू देखकर रास्ते पर चलते हैं। सफर करते समय नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे, मुख्य मार्ग, जिला मार्ग को छोड़कर कोई दूसरा मार्ग अपनाएं तो अपने स्तर से उसकी जानकारी कर लें। सेटेलाइट व्यू के बजाय स्ट्रीट व्यू का इस्तेमाल करें।प्रो. बेदी के अनुसार अनजान रास्तों पर सफर करते समय स्थानीय लोगों से जानकारी लें। इससे भ्रम की स्थिति दूर होती है। सेटेलाइट व्यू में मार्गों को स्पष्ट नहीं देखा जा सकता है। स्ट्रीट व्यू से ज्यादा सटीक जानकारी मिलेगी। स्ट्रीट व्यू में अच्छी गुणवत्ता की तस्वीरें सामने आने में अधिक समय लगता है। यह स्थान पर निर्भर करता है। ऐसे में सफर शुरू करने से पूर्व ही इसे खोलकर रखें।

ऐसे अपडेट होता है डाटा
गूगल नक्शा तैयार करने के लिए सेटेलाइट इमेजिंग का इस्तेमाल करता है। इससे सड़कों, भवनों, पेड़-पौधे आदि को चिह्नित किया जाता है। साथ ही मशीन लर्निंग (स्ट्रीट लाइव के लिए), जीपीएस, जीआईएस का प्रयोग होता है। कार्यदायी संस्थाओं की ओर से भी निर्माण कार्य पूरा होने के बाद गूगल मैप पर अपडेट कराने के लिए समन्वय किया जाता है। 

ये सुझाव आएंगे काम

घर से निकलने से पूर्व स्ट्रीट व्यू ऑन करें, क्योंकि यह अधिक समय लेता है।

गूगल मैप एप को अपडेट करते रहें।

स्ट्रीट व्यू का इस्तेमाल करें।

स्थानीय लोगों से रास्ता पूछकर ऑनलाइन जानकारी को पुष्ट करें।

कार पलटने के बाद जागे, रातोंरात भरवाए सड़क के गड्ढे
फरीदपुर ब्रांच कैनाल की सड़क कट गई पर अभियंताओं ने ठीक नहीं कराई। मंगलवार सुबह वहां हादसा होने के बाद जिम्मेदारों की नींद टूटी। पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता सत्येंद्र कुमार शाम छह बजे मौके पर पहुंचे। रातोंरात सड़क के उस हिस्से को ठीक करा दिया। अधिशासी अभियंता ने जेसीबी मंगवाकर सड़क पर मिट्टी डलवाई, ताकि कोई और हादसा न हो। 

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