सर्वविद्या की राजधानी में आज से सजेगा बनारस लिट फेस्ट
स्वतंत्रदेश ,लखनऊसर्वविद्या की राजधानी काशी में साहित्य और कला उत्सव का दूसरा संस्करण बनारस लिट फेस्ट आज से शुरू होगा। कलाकार, आलोचक, कथाकार, कवि, संगीतकार, नाट्यकर्मियों और बुद्धिजीवी एक साथ एक मंच पर संवाद करेंगे। इसके जरिये सनातन धर्म की वाद-विवाद और संवाद की परंपरा को जीवंत किया जाएगा।10 से 12 फरवरी तक सिगरा स्थित रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर और बनारस क्लब में देश-दुनिया के साहित्यकारों, लेखकों, संस्कृतिकर्मियों, कवि-शायरों, आलोचकों, विचारकों की रचनाओं और विचारों से साहित्य कला अनुरागी रूबरू होंगे। महोत्सव के मीडिया प्रभारी प्रमोद कुमार पांडेय ने बताया कि संवाद में यकीन और यकीन की अलख जगाए रखने का यह संवादधर्मी साहित्य उत्सव है।
10 फरवरी- आशुतोष राणा और समीर अंजान होंगे आकर्षण का केंद्र
बनारस लिट फेस्ट की शुरुआत शंखनाद, गणेश और सरस्वती वंदना से होगी। उद्घाटन सत्र में जम्मू एवं कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, राज्यसभा सांसद व साहित्यकार महुआ माजी, महंत प्रो. विश्वंभर नाथ मिश्र, आंजनेय कुमार सिंह, अजीता श्रीवास्तव और चंद्रशेखर सिंह होंगे। पहले सत्र तीन बजे से 4:15 बजे तक काशी तुम्हें नमन में प्रो. नागेंद्र पांडेय, प्रो. राजेश्वर आचार्य, अमिताभ भट्टाचार्य, डॉ. विजय नाथ मिश्र, श्रीप्रकाश शुक्ल और आलोक पराड़कर चर्चा करेंगे। वहीं, दूसरे सत्र में 4:15 बजे से 5:30 बजे तक विश्व भाषा के रूप में हिंदी के वरिष्ठ पत्रकार व पूर्व कुलपति ओम थानवी, डॉ. रविंद्र
कात्यायन, प्रो. निरंजन सहाय, आलोचक प्रो. प्रेम कुमार मणि व प्रो. वशिष्ठ अनूप रहेंगे। शाम 5:30 बजे से छह बजे तक राम राज्य से लेकर शिव तांडव तक की चर्चा में अभिनेता व लेखक आशुतोष राणा रहेंगे। शाम 7:30 बजे से गीतकार समीर अंजान सफरनामा और म्यूजिकल इवेंट में शिरकत करेंगे।
दिव्य प्रकाश दुबे, संजय शैफर्ड और संगम पांडेय होंगे समानांतर सत्र में
पहले दिन के महोत्सव के समानांतर सत्र में तीन बजे से नई वाली हिंदी स्टोरीबाजी पर लेखक दिव्य प्रकाश दुबे और संजय शैफर्ड शिरकत करेंगे। इतिहास मिथक एवं कविता पर चार बजे से इंडियन साइकेट्रिक सोसायटी के अध्यक्ष व कवि विनय कुमार व अवधेश प्रधान संवाद करेंगे। 4:35 बजे से तीसरे कार्यक्रम में भारतेंदु पर दीपाली अग्रवाल और श्याम बिहारी श्यामल चर्चा करेंगे। शाम को 5:05 बजे से विचार सत्र में वरिष्ठ आलोचक प्रेम कुमार मणि और रामकीर्ति शुक्ला शामिल होंगे। अंतिम सत्र में इतिहासबोध एवं वस्तुनिष्ठता की अवधारणा में फिल्म समीक्षक संगम पांडेय और हर्षवर्धन राय चर्चा करेंगे।
11 फरवरी: टॉक ऑन प्रणव और मुशायरा होगा आकर्षण का केंद्र
महोत्सव के दूसरे दिन की शुरुआत 11:30 बजे शायर शकील आजमी के साथ बनवास पर आधारित पुस्तक चर्चा से होगी। दूसरा कार्यक्रम इंडिया नाऊ एंड इन ट्रांजिशन द वे फारवर्ड फॉर इंडियन डेमोक्रेसी विषय पर पत्रकार उत्पल कुमार, ओमेर अहमद, गजाला वहाब, लेखक डॉ. बानीव्रता महंता चर्चा करेंगे। तीसरा कार्यक्रम एक बजे से विश्व एकत्व का मूल विषयक होगा। इसमें प्रो. अवधेश प्रधान, प्रो. राजेश्वर आचार्य, प्रो. सदानंद शाही, अशोकानंद, प्रो. देवब्रत चौबे शामिल होंगे। साहित्य, लोकतंत्र एवं राष्ट्रवाद विषयक कार्यक्रम दो बजे से होगा। इसमें वरिष्ठ पत्रकार व पूर्व कुलपति ओम थानवी, आलोचक प्रेम कुमार मणि, कवि बद्री नारायण, फिल्म समीक्षक संगम पांडेय होंगे।
कला साहित्य का आयोजन: संभावनाएं एवं चुनौतियां विषयक परिचर्चा में वरिष्ठ पत्रकार फरहत एहसास, कुंवर रंजीत सिंह, मोनिका सिंह और बृजेश सिंह होंगे। शाम चार बजे से टॉक ऑन प्रणव में लेखिका शर्मिष्ठा मुखर्जी अपने पिता व पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के जीवन पर चर्चा करेंगी। शाम को भारत दर्शन के कृष्ण मोहन, प्रो. विधि नागर चर्चा करेंगे। शाम को होने वाले मुशायरे में अंबरीष ठाकुर, प्रो. वसीम बरेलवी, मोनिका सिंह, मदन मोहन दीक्षित, सतीश सत्यार्थ, कुंवर रंजीत सिंह, फरहत एहसास, डॉ. नुसरत मेहंदी व शकील आजम रहेंगे।महोत्सव के अंतिम दिन कवि सम्मेलन, शास्त्रीय संगीत और सम्मान समारोह होगा। कवि सम्मेलन में सुरेंद्र शर्मा, मुमताज नसीम, अमन अक्षर, दान बहादुर सिंह, श्लेष गौतम, स्वयं श्रीवास्तव, मोनिका दुबे, विनम्र सेन सिंह, नितेश्वर कुमार, चेतना तिवारी काव्य पाठ करेंगी। शास्त्रीय संगीत के आयोजन में देवाशीष डे व विद्याधर व्यास की प्रस्तुतियां होंगी। शाम के सत्र में अभिनेत्री दीप्ति नवल भी शामिल होंगी। अंतिम दिन विदेशिया का नाट्य मंचन होगा। इसके साथ ही गोमती देवी उत्कृष्टता एवं नवभारत सर्जक सम्मान एवरेट विजेता संतोष यादव, परमवीर चक्र विजेता कैप्टेन योगेंद्र सिंह यादव, वीरांजनेयउलू अड्डेपली और कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा को दिया जाएगा।