यूपी में दाखिल होगा ओमिक्रोन
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:पिछले साल मार्च में आगरा में ही देश का पहला कोरोना वायरस रिपोर्ट हुआ था। अब जब दुनिया के कई देश ओमिक्रोन से घिर चुके हैं, यहां लापरवाही अब भी जारी है। प्रशासन रोजाना चार से पांच हजार कोरोना वायरस संक्रमण संबंधी जांचों को किए जाने का दावा करता है लेकिन दूसरी तरफ एक ऐसी जानकारी बाहर आई है, जो सतर्कता और दावों की कलई खोलती नजर आ रही है। बीते 10 दिन में आगरा में करीब पांच विदेशी पर्यटक आए हैं और इनमें से मात्र 19 पर्यटकों की ही कोरोना वायरस जांच हुई है। पांच सौ पर्यटकों में कई तो उन देशों से हैं, जो देश ओमिक्रोन को लेकर अतिसंवेदनशील श्रेणी में हैं। यदि प्रशासन समय रहते नहीं चेता तो यूपी में आगरा के रास्ते ही ओमिक्रोन दाखिल होगा। बेशक यूपी अभी तक बचा हुआ है लेकिन देश के छह राज्यों में तो ओमिक्रोन पहुंच ही चुका है।
तीन मार्च 2020 में आगरा में कोरोना वायरस का पहला केस रिपोर्ट हुआ था, जब इटली से घूमकर लौटा आगरा का एक परिवार संक्रमित पाया गया था। सरकारी रिपोर्ट की ही अगर बात करें तो तब से लेकर अब तक आगरा में कुल 25771 लोग संक्रमित हो चुके हैं। हालांकि लोग इस आंकड़े पर यकीन नहीं करते हैं क्योंकि जब आगरा में कोरोना वायरस की दूसरी लहर आई थी तो श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार करने के लिए वेटिंग थी। अस्पताल भरे हुए थे और ऑक्सीजन की किल्लत का सामना करना पड़ा था। उसके बावजूद सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक यहां मृतक संख्या 458 ही दर्शाई जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक एक से 10 दिसंबर तक आगरा अलग अलग माध्यमों से 464 अंतरराष्ट्रीय यात्री आए हैं। इसमें से 19 विदेशियों की ही जांच हुई है। जबकि 114 ऐसे यात्री इनमें शामिल हैं, जो ओमिक्रोन को लेकर अति संवेदनशील घोषित किए जा चुके देशों से ताल्लुक रखते हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अरुण कुमार श्रीवास्तव का इस संबंध में कहना है कि 350 यात्री उन देशों से आए हैं, जहां ओमिक्रोन नहीं फैला है। उन्होंने कहा कि देश में आगमन पर एयरपोर्ट पर पर्यटकों की पहली जांच हो रही है।