उत्तर प्रदेशराज्य

इलाज के दौरान दारोगा की मौत

स्वतंत्रदेश , लखनऊ : पीजीआइ थाने में तैनात दारोगा रविंद्र नाथ की मौत के मामले में उनके भाई ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई है। आरोप है कि अस्पताल प्रशासन और मेडिकल स्टोर संचालक की लापरवाही से दारोगा की जान गई थी। एसीपी कैंट डॉक्टर बीनू सिंह के मुताबिक दारोगा के पैर में चोट लगी थी। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। रिपोर्ट दर्ज कर मामले की छानबीन की जा रही है।

उपाध्याय मेडिकल स्टोर और सिग्मा अस्पताल के संचालकों की आपस में मिलीभगत है जो मरीजों को फुसलाकर भर्ती करते हैं।

गौरतलब है कि सात नवंबर को मामा चौराहे के पास सड़क हादसे में दारोगा घायल हो गया था। मूल रूप से बलिया निवासी दारोगा के भाई उपेंद्र कुमार ने बताया कि सात नवंबर को हाईकोर्ट से लौटते वक्त अज्ञात वाहन ने उनके रविंद्र को टक्कर मार दिया था। घायल अवस्था में रविंद्र को वृंदावन कॉलोनी स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी हालत में सुधार हो रहा था। आरोप है कि अस्पताल में रविंद्र के परिचित एक मेडिकल स्टोर संचालक व अन्य कुछ लोग उन्हें देखने आए थे।

मेडिकल स्टोर संचालक ने जिद कर निजी अस्पताल से रविंद्र को मोहनलालगंज स्थित सिग्मा अस्पताल में रेफर कराया था, जहां अस्पताल प्रशासन ने इलाज में लापरवाही की। इससे रविंद्र की हालत काफी बिगड़ गई। इसके बाद उन्हें दूसरे निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। उपेंद्र का आरोप है कि उपाध्याय मेडिकल स्टोर और सिग्मा अस्पताल के संचालकों की आपस में मिलीभगत है, जो मरीजों को फुसलाकर भर्ती करते हैं। इंस्पेक्टर केके मिश्र ने बताया कि दोनों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। छानबीन के आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।

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