उत्तर प्रदेशलखनऊ

पूर्व DIG ने लॉकअप में दबाया था युवक का गला

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :गोमतीनगर विस्तार थाने के लॉकअप में युवक की मौत के मामले में पूर्व डीआईजी उदय शंकर जायसवाल को पुलिस ने दोषी माना है। आरोपित उदय शंकर के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के तहत न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया है। विवेचना में चौंकाने वाली बात उजागर हुई है। छानबीन में सामने आया है कि सेवानिवृत्त डीआइजी ने गोमती नगर विस्तार थाने के लॉकअप में घुसकर ई-रिक्शा चालक उमेश को जमकर पीटा था। इसके बाद उसका गला दबा दिया था।खास बात यह है कि आरोपित ने अपने घर में भी उमेश की पिटाई की थी। इस पर भी आरोपित का मन नहीं भरा तो वह उसे थाने लेकर आया और लॉकअप में मारपीट की। ड्यूटी पर मौजूद कुछ पुलिसकर्मियों ने सेवानिवृत्त डीआइजी के इस कृत्य का विरोध भी किया था, लेकिन आरोपित ने उन्हें अदब में लेकर फटकार लगा दी थी। आरोपित की हनक देख पुलिसकर्मी शांत हो गए थे और युवक ने लॉकअप में ही दम तोड़ दिया था।

लखनऊ के गोमतीनगर विस्तार थाने के लॉकअप में युवक की मौत का मामला आरोपित डीआइजी ने लॉकअप में की थी

इस मामले में गोमती नगर विस्तार पुलिस ने सेवानिवृत्त डीआइजी के नौकर राजकुमार को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था, जिसपर उमेश से मारपीट का आरोप लगा था। एनबीडब्ल्यू लेगी पुलिस, होगी गिरफ्तारी पुलिस आरोपित सेवानिवृत्त डीआइजी के खिलाफ गैर जमानती वारंट लेने की तैयारी कर रही है। सूत्रों के मुताबिक आरोपित के खिलाफ एनबीडब्ल्यू लेकर गिरफ्तारी का प्रयास किया जाएगा। पुलिस लॉकअप में ई-रिक्शा चालक उमेश की मौत के मामले की विवेचना एसीपी गोमतीनगर श्वेता श्रीवास्तव कर रही थीं, जिन्होंने जांच रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंप दी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने ही इस घटना के रहस्यों से पर्दा उठा दिया था। रिपोर्ट में हेड इंजरी, दम घुटने और शरीर के कई हिस्सों में चोट के निशान मिले थे।

तीन जुलाई 2020 को गोमतीनगर विस्तार थाने के लॉकअप में मूलरूप से सीतापुर के महोली मुरनिया निवासी उमेश की मौत हो गई थी। शुरुआत में पुलिस ने बताया था कि चोरी के आरोप में उमेश को पूर्व डीआइजी थाने लेकर आए थे। लॉकअप में उमेश ने अपना सिर दीवार में लड़ा दिया था और फिर फांसी लगा ली थी। हालांकि छानबीन में उमेश के शरीर पर चोट के निशान मिले, जो बर्बरता की कहानी बयां कर रहे थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए गोमती नगर विस्तार थाने के अतिरिक्त प्रभारी निरीक्षक बृजेश यादव, उपनिरीक्षक कौशलेंद्र सिंह, सिपाही दीपक खटाना, राधा मोहन सिंह और राज को निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद उमेश के भाई गुड्डू की तहरीर पर पूर्व डीआइजी के नौकर समेत अन्य के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई थी।

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