उत्तर प्रदेशराज्य

रेलवे की सन् 1974 जैसी बड़ी हड़ताल कराने की तैयारी

स्वतंत्रदेश,लखनऊ : रेलवे की सन् 1974 जैसी बड़ी हड़ताल कराने के लिए एक बार फिर से नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी फॉर रेलवेमेन स्ट्रगल (एनसीसीआरएस) का अस्तित्व जीवंत होगा। देश की सभी 19 रेल कर्मचारी यूनियन और एसोसिएशन एनसीसीआरएस का हिस्सा बनेंगी। अगले महीने एनसीसीआरएस के गठन की औपचारिक घोषणा के साथ रेलवे निजीकरण के खिलाफ हड़ताल की रूपरेखा भी तय होगी। ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के केंद्रीय महामंत्री शिवगोपाल मिश्र ने गुरुवार को चारबाग में एनआरएमयू के मंडल कार्यालय सभागार में आयोजित एक विचार गोष्ठी में भावी आंदोलन को हवा दे दी।

एक मंच पर आएंगी रेलवे की सभी 19 यूनियन व एसोसिएशन। अगले महीने एनसीसीआरएस के गठन की औपचारिक घोषणा के साथ रेलवे निजीकरण के खिलाफ हड़ताल की रूपरेखा भी तय होगी।

शिव गोपाल मिश्र ने कहा कि रेलवे बोर्ड ने वर्ष 2023 तक पांच प्रतिशत रेलखंडों पर 160 किमी. प्रतिघंटे या इससे अधिक गति वाली आधुनिक ट्रेनें चलाने की घोषणा की है। जिस पर 30 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा। जबकि भारत में 22 हजार से अधिक ट्रेनें 2.5 करोड़ से अधिक जनता को एक स्थान से दूसरे स्थान सस्ते किराए में पहुंचाती हैं। रेलवे के ही रिकॉर्ड के मुताबिक पिछले साल 8.5 करोड़ यात्री प्रतीक्षा सूची  में रह गए थे। डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के शुरू होने पर रेलवे वेटिंग के यात्रियों के लिए अतिरिक्त ट्रेनें दौड़ाने में सक्षम है। निजीकरण आम रेल यात्रियों पर भारी पड़ेगी। भारतीय रेलवे के पास दुनिया की बेहतर तकनीक है। स्पेन से आया सेमी हाईस्पीड ट्रेन से बेहतर वंदे भारत मिशन का ट्रेन से है। जो कि छह सौ करोड़ की जगह मात्र 92 करोड़ रुपये में तैयार हुआ है। रायबरेली रेल कोच फैक्ट्री में आधुनिक एलएचबी बोगियां तैयार हो रही हैं। इस मौके पर एनआरएमयू के मंडल मंत्री आरके पांडेय, एसयू शाह, मनोज श्रीवास्तव सहित कई पदाधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।

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