उत्तर प्रदेशलखनऊ

बाल संग्रहालय मैदान मेंं आधुनिक खादी प्रदर्शनी शुरू

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की खादी एक वस्त्र नहीं विचारधारा है जो हर किसी को रोजगार से जोड़ता है। इस विचार धारा से युवाओं को जोड़ने के लिए खादी को युवाओं के अनुरूप तैयार किया जा रहा है। समय के अनुरूप खादी कदम ताल कर रही है।सोमवार को केंद्रीय ग्रामोद्योग आयोग केअध्यक्ष विपिन कुमार सक्सेना वीडियो काफ्रेंसिंग के जरिए खादी प्रदर्शनी के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे। चारबाग के  बाल संग्रहालय मैदान में नौ नवंबर तक चलने वाली प्रदर्शनी में जींस, टाॅप व शूट के साथ ही जैविक खादी के कपड़े छूट पर मिलेंगे। अध्यक्ष् ने कहा कि आयोग कोरोना संक्रमण काल में भी रोजगार देने में लगा है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार से समन्वय बनाकर युवाओं को रोजगार से जोड़ा जा रहा है।

चारबाग के बाल संग्रहालय मैदान में नौ नवंबर तक चलने वाली प्रदर्शनी में जींस टाॅप व शूट के साथ ही जैविक खादी के कपड़े छूट पर मिलेंगे। अध्यक्ष् ने कहा कि आयोग कोरोना संक्रमण काल में भी रोजगार देने में लगा है।

राज्य निदेशक डीएस भाटी ने योजनाओं की पूरी जानकारी दी। निदेशक ने बताया कि प्रदर्शनी में सुरक्षा का पूर ध्यान रखा गया है। दर्शकों को मास्क लगाकर आना है। शरीर के तापमान को चेक करने और सैनिटाइजर की व्यवस्था भी की गई है। बच्चों और बुजुर्गों के प्रवेश पर प्रतिबंध होगा। प्रदेश ही नहीं देश के कई राज्यो से खादी एवं ग्रोमोद्याेग की संस्थाएं आ रही हैं। सेालर चाक समेत ग्रामोद्योग की पूरी जानकारी भ्री दी जाएगी। प्रदर्शनी में 85 स्टालों पर खादी और ग्रामोद्योग के उत्पाद मिलेंगे। पहली बार मधुबनी पेंटिंग वाले मास्क आये है। खादी पर 30 फीसद छूट भी मिलेगी।

सोलर चाक से मिलेगी माटी कला को बुलंदी

परंपरागंत कुम्हारों की माटी कला को बुलंदी देने की तैयारी पूरी हो गई है। उन्हें जहां चाक चलाने में कोई मेहनत नहीं करनी पड़ेगी वहीं वह अपनी कला को संवार भी सकेंगे। सूरज की रोशनी से उनकी चाक घूमेगी। केंंद्र सरकार के खादी और ग्रामोद्योग आयोग के राज्य निदेशक डीएस भाटी ने बताया कि अमेठी में 100 सोलर चाक देकर इसकी शुरुआत की जा रही है। सफलता के बाद इसे पूरे प्रदेश के कुम्हारों को दिया जाएगा। खादी और ग्रामोद्योग आयोग के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग की पहल पर सूबे में आत्म निर्भर योजना के तहत 19 जिलों को शामिल किया गया है। कुम्हारी कला, शहद उत्पादन, लेदर क्राफ्ट और लकड़ी की कला के कारीगरों को अपनी कला और रोजगार को आगे बढ़ाने मेें मदद मिलेगी। लुघ उद्याेगों का बढ़ावा देने के साथ ही चारों विधाओं में 200-200 कामगारों को तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाएगा। कई चरणों में प्रशिक्षण की तैयारी है।

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