राजनीति

चंद्रशेखर का बड़ा बयान

स्वतंत्रदेश,लखनऊ: भीम आर्मी के संस्‍थापक और आजाद समाज पार्टी के अध्‍यक्ष चंद्रशेखर ने डा. राजकुमारी बंसल के बारे में कहा है कि यदि, उनका भीम आर्मी से कोई जुड़ाव है भी तो इसमें गलत क्‍या है। हाथरस के चर्चित प्रकरण में पीड़ित परिवार के घर दो दिन बिताने वाली जबलपुर की डा. राजकुमारी बंसल के भीम आर्मी से जुड़ाव की चर्चा के बीच चंद्रशेखर ने सोमवार देर रात टेलीफोन पर बताया कि डा. राजकुमारी सबके सामने हैं, जांच चल रही है, और जिन्‍हें पूछताछ करनी हो कर सकता है।

भीम आर्मी के संस्‍थापक और आजाद समाज पार्टी के अध्‍यक्ष चंद्रशेखर ने डा. राजकुमारी बंसल के बारे में कहा है कि यदि उनका भीम आर्मी से कोई जुड़ाव है भी तो इसमें गलत क्‍या है।

बताया सरकार की चाल

बिहार चुनाव में व्‍यस्‍त चंद्रशेखर ने देर रात बताया कि राजकुमारी बंसल का भीम आर्मी से कोई कनेक्शन नहीं है। यह सरकार की सुनियोजित चाल है। हाथरस मामले में सरकार अपनी विफलता छुपाने के लिए विभिन्न हथकंडों का प्रयोग कर रही है। राजकुमारी प्रकरण भी उसी योजना का हिस्सा है। चंद्रशेखर ने कहा कि पहली बात तो यह कि राजकुमारी का भीम आर्मी से कोई जुड़ाव नहीं है। दूसरा यह कि अगर, राजकुमारी भीम आर्मी से जुड़ी हैं भी तो इसमें गलत क्या है। कोई व्यक्ति अगर किसी का दुख बांटने कहीं जा रहा है, तो इसमें क्या गलत है। हम भी कमजोर लोगों की मदद के लिए आगे आते हैं, यही हमारी राजनीति है।बहुचर्चित हाथरस कांड में पीड़ि‍त परिवार के घर पर दो दिन रहने वालीं मध्य प्रदेश के जबलपुर की डॉ. राजकुमारी बंसल ग्‍वालियर की निवासी हैं। डॉ. राजकुमारी बंसल ने 2002 में मेडिकल कॉलेज, जबलपुर से एमबीबीएस और इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज से पीजी किया। 2011 में उनके पति डॉ. इंदरदेव मेडिकल अस्पताल जबलपुर में पदस्थ हुए। इसके बाद उन्होंने जबलपुर के आसपास सरकारी अस्पतालों में नौकरी की। 2018 में पीजी करने के बाद मेडिकल कॉलेज में फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग में पदस्थ हुई।

डॉ राजकुमारी का क्‍या है हाथरस कनेक्‍शन 

डॉ. बंसल ने दैनिक जागरण के सहयोगी प्रकाशन ‘नईदुनिया’ को बताया कि वह तीन अक्टूबर को जबलपुर से रवाना हुई थीं। अगले दिन आगरा पहुंचीं। वहां से बस से हाथरस रवाना हुई। चार अक्टूबर को मीडिया और अन्य लोगों को एंट्री मिली तो उनके पीछे-पीछे पीड़ि‍ता के घर तक पहुंच गई। दो दिन पीड़ि‍त के स्वजन के घर में सदस्य की तरह रहीं। पांच अक्टूबर को रिजर्वेशन होने के बावजूद वहां रुक गई। वापस नहीं लौटीं। वहां मीडिया, वरिष्ठ अधिवक्ताओं, दिल्ली से आई महिला संगठनों की सदस्यों, सपा व आप नेताओं से उनकी मुलाकात हुई।

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