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शहरी सहकारी बैंकों पर पिछड़े वर्गो को कुल आवंटित कर्ज का देना होगा 75 फीसद

पंजाब व महाराष्ट्र सहकारी बैंक (पीएमसी) घोटाले के बाद देश के शहरी सहकारी बैंकों पर लगाम लगाने की मुहिम आरबीआइ ने और तेज कर दी है। केंद्रीय बैंक ने शुक्रवार को प्राथमिकता वाले सेक्टरों को आवंटित होने वाले कर्ज के मौजूदा नियम में कुछ अहम बदलाव का ऐलान किया है जिसका सबसे ज्यादा असर शहरी सहकारी बैंकों पर पड़ने वाला है।

शहरी सहकारी बैंकों के लिए मार्च, 2024 तक कुल आवंटित कर्ज का 75 फीसद तक प्राथमिकता वाले सेक्टरों के बीच बांटने का नियम लागू कर दिया गया है। अभी ये दूसरे तमाम बैंकों की तरह 40 फीसद ही इन सेक्टरों को देते हैं जिसमें कृषि, छोटे उद्यम, पिछड़े वर्ग शामिल है। दूसरे बैंकों के लिए कर्ज की सीमा में कोई बदलाव नहीं है

हालांकि, स्टार्ट अप और सौर ऊर्जा सेक्टर को दिए जाने वाले कर्ज को भी इसमें शामिल कर लिया गया है। शहरी सहकारी बैंकों के अलावा अन्य सभी बैंकिंग सेक्टर में कुल कर्ज का 40 फीसद ही प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग (पीएसएल) के तहत आवंटित करने का नियम जारी रहेगा।

नए मानकों के मुताबिक स्टार्ट-अप कंपनियों को 50 करोड़ रुपये तक के कर्ज को बैंक पीएसएल के तहत रख सकते हैं। अगर किसानों को सोलर पैनल आधारित सिंचाई पंप लगाने के लिए कर्ज दिया जाता है तो उसे भी पीएसएल में रखा जा सकता है।

कुल वितरित कर्ज का 18 फीसद एग्रीकल्चर सेक्टर को देने की मौजूदा नीति का बरकरार रखा गया है। जबकि सूक्ष्म उपक्रमों को 7.5 फीसद, कमजोर वर्गो को 12 फीसद दिया जाता है। कृषि सेक्टर को दिए जाने वाले कर्ज संबंधी नियमों में कुछ इस तरह से बदलाव किए गए हैं कि खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों को ज्यादा कर्ज मिल सके। कृषि से जुड़े छोटे मोटे धंधा करने वाले लोगों को भी ज्यादा कर्ज मिल सकेगा।

सनद रहे कि हाल ही में सरकार ने सहकारी बैंकों के नियमन की पूरी जिम्मेदारी आरबीआइ को दी है। जाहिर है कि इस नये नियम के बाद शहरी सहकारी बैंकों के लिए दूसरे सेक्टरों को कर्ज बांटने का स्कोप काफी कम हो जाएगा।

कुल वितरित कर्ज का 18 फीसद एग्रीकल्चर सेक्टर को देने की मौजूदा नीति का बरकरार रखा गया है। जबकि सूक्ष्म उपक्रमों को 7.5 फीसद, कमजोर वर्गो को 12 फीसद दिया जाता है। कृषि सेक्टर को दिए जाने वाले कर्ज संबंधी नियमों में कुछ इस तरह से बदलाव किए गए हैं कि खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों को ज्यादा कर्ज मिल सके। कृषि से जुड़े छोटे मोटे धंधा करने वाले लोगों को भी ज्यादा कर्ज मिल सकेगा

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