उत्तर प्रदेशराज्य

राम जन्मभूमि परिसर पहुंचे समिति के चेयरमैन

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :संपूर्ण रामजन्मभूमि परिसर के विकास की कार्ययोजना को भी अंतिम रूप देने के लिए आज से शुरू हो रही दो दिवसीय बैठक के लिए निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र राम जन्मभूमि परिसर पहुंच गए हैं।  वह राम जन्मभूमि परिसर का स्थलीय निरीक्षण कर रहे हैं। आज की पहली बैठक कार्यदाई संस्था एलएंडटी और टाटा कंसल्टेंसी के इंजीनियरों के साथ राम जन्मभूमि के परिसर विश्वामित्र आश्रम में होगी। वहीं 2 बैठक दोपहर के बाद बाद सर्किट हाउस में ट्रस्ट के पदाधिकारियों और टाटा कंसल्टेंसी और एलएनटी के इंजीनियरों के साथ होगी। बैठक में शामिल होने के लिए आर्किटेक्ट सोमपुरा भी पहुंचे हैं।

रामजन्मभूमि परिसर के संपूर्ण विकास की योजना को भी दिया जायेगा अंतिम रूप।

राम मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक में रामजन्मभूमि पर प्रस्तावित मंदिर की नींव के प्रारूप पर अंतिम मुहर लगाये जाने के साथ संपूर्ण रामजन्मभूमि परिसर के विकास की कार्ययोजना को भी अंतिम रूप दिया जाना है। हालांकि राम मंदिर की नींव की खोदाई 15 जनवरी से ही शुरू हो गयी है और नींव के प्रारूप पर भले ही निर्माण समिति की बैठक में अंतिम मुहर लगेगी, पर उसे पहले ही स्वीकार कर लिया गया है।

15 जनवरी से नींव की खोदाई शुरू होने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि नींव निर्माण में कोई दिक्कत नहीं रह गयी है और बैठक के बाद निर्माण की गति में और तीव्रता लाये जाने की पूरी संभावना है। फिलहाल, बैठक में हिस्सा लेने के लिए राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष एवं अनेक महत्वपूर्ण पदों पर रहे सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी नृपेंद्र मिश्र बुधवार की शाम अयोध्या पहुंच गये।

बैठक में शामिल होने के लिए बुधवार को ही देर रात रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष स्वामी गोवि‍ंददेव गिरि के अयोध्या पहुंचने की उम्मीद है। बैठक को ही ध्यान में रख कर गत कई दिनों से अयोध्या से बाहर गये तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय मंगलवार को ही वापस अयोध्या लौट आए।

खोज लिया गया नींव की समस्या का समाधान मंदिर निर्माण समिति की बैठक शुरू होने की पूर्व संध्या पर मीडिया से अनौपचारिक बातचीत के दौरान तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने स्पष्ट किया कि मंदिर की नींव के लिए देश के नौ इंजीनियरि‍ंग इंस्टीट्यूट काम कर रहे हैं और उन्होंने नींव की समस्या का समाधान खोज भी लिया है और इसी के तहत 15 जनवरी से नींव का काम शुरू हो चुका है।

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