उत्तर प्रदेशराज्य

पिंक टॉयलेट को रेड सिग्नल

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा महिला सुरक्षा को लेकर बनाई गई इस परियोजना में अफसरों की अरुचि साफ दिख रही है। महकमों के अफसर खुद की जिम्मेदारी से बचकर एक-दूसरे के पाले में गेंद फेंक रहे हैं। एक पिंक टॉयलेट का निर्माण संकट में पड़ गया है। जमीन नहीं मिल पा रही है तो जहां जमीन मिली, वहां विवाद हो रहा है। कठौता झील के पास पुलिस ने ही पिंक टॉयलेट का निर्माण रोक दिया, जबकि इस परियोजना को जमीन पर लाने का जिम्मा पुलिस महकमे को ही दिया गया है।

नगर निगम की तरफ से अगस्त 2020 से लविप्रा को पत्र लिखा जा रहा है लेकिन प्राधिकरण के अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं।

निर्भया कांड के बाद बनी थी परियोजना

निर्भया कांड के बाद महिलाओं की सुरक्षा के लिए सेफ सिटी परियोजना बनाई गई थी। इसमें कॉमन टॉयलेट की जगह पिंक टॉयलेट बनाए जाने हैं, जिनका उपयोग सिर्फ महिलाएं ही कर सकेंगी। इनका संचालन भी महिलाओं के ही हाथ में होगा। नगर निगम सीमा में कुल 74 पिंक टॉयलेट बनाए जाने हैं और इन्हें 25 मार्च 2021 तक पूरा किया जाना है। अभी तक इनमें से 23 पिंक टॉयलेट का निर्माण ही चालू हो पाया है। इनमें भी जमीन का विवाद खड़ा हो गया है।

आशियाना और कठौता झील के पास निर्माण चालू होते ही विवाद के चलते पुलिस ने कार्य बंद करा दिया। हनुमान सेतु के पास पिंक टॉयलेट का निर्माण 60 प्रतिशत पूरा हो गया है। लेकिन, सिंचाई विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र न मिलने से आगे का काम बंद है।

 

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